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[७०] कम्मुरलमीस विणु मणवयसमश्यलेअचख्खु मणनाणे ॥ उरलगकम्मपढमं-तिममण व केवलघुगंमि ॥॥ मणवश्जरला परिहारि सुहुमि नव ते उ मीसि सविनवा ॥देसे सवि. उविगा, सकम्मुरलमीस अहखाए ॥ए॥ ति अनाण नाण पण चउ, देसण बार जिअलरुखणुवयोगा॥ विणु मणनाणकेवल, नव सुरतिरिनिरय अजएसु ॥३०॥ तसजोअवेअसुक्काहारनरपणिदिसन्निजवि सो। नयणेअरपणलेसा कसा दस केवल गूणा ॥ ३१ ॥ चउरिदिनसन्नि पुअना-ण ऽदंसणइगबितिथावरि अचख्खु ॥ तिअनाण दंसणगं, अनापतिगि अभविमिच्छद्गे ॥ ३२ ॥ केवलदुगे निअदुर्ग, नव तिअनाण विणु खश्यअहखाए ॥ दंसण नाणतिगं दे-सिमीसि अन्नाणमीसं तं ॥३३॥ मणनाणचख्खुवज्जा, अणहारि तिनि दंसण चउ नाणा ॥ चउनाण संजमोवस-मवेअगे ओहिदंसे अ॥ ३४ ॥ दोतेर तेर बारस, मणे