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[२१] तेवेव्वियवज्जा, विगला सन्नीण ते चेव ॥१७॥ पण गप्नति रिसुरेसु, नारय वाउसु चउर तिय सेसे ॥ विगल दिही थावर, मिच्छत्ति सेस तिय दिट्टी ॥१७॥ थावर बि तिसु अचक्खु, चरिदिसु तयुगं सुए नणियं मणुआ चउदंस णिणो, सेसेसु तिगं तिगंजणियं ॥१॥ अन्नाण नाण तिय तिय, सुरतिरिनिरए थिरे अनाण पुगं ॥ नाण नाण विगले, मणुए पण नाण, ति अनाणा॥२०॥श्क्कारस सुर निरए, तिरि• एसु तेर पन्नर मणुएसु॥ विगले चउ पण वाए, जोगतियं थावरे होइ॥१॥ उवयोगा मणुएसु, बारस नव तिरिय निरय-देवेसु॥ विगलागे पण छक्कं, चउरिदिसु थावरे तियगं ॥ २२ ॥ संखमसंखा समए, गप्जय तिरि विगल नारय सुरा य ॥ मणुया नियमा संखा, वणणंता थावर अ. संखा॥२३॥असन्नि नर असंखा, जह उववाए तदेव चवणे वि॥ बावीस सग ति दसवास-सहस्स किट पुढवाई ॥४॥ तिदिणग्गि तिप