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२०६] ॥४॥ तदेव अविणीयप्पा, उववझा हया गया; दोसंति हमेहंता, बाजिउगमुवहिया॥५॥ तदेव सुविणीयप्पा,उववज्जा हया गया, दीसंति सुहमेहंता, इढिपत्ता महायसा ॥६॥ तदेव अविणीयप्पा लोगसि नर नारियो, दीसंति पु. हमेहंता, हायाते विगलिंदिया ॥७॥ दंडस परिजुन्ना, असब्न वयणेहि य, कलुणा विवन्न बंदा, खुप्पिवासा परिगया ॥७॥ तदेव सुवि. णीयप्पा, लोगसि नर नारिर्ज, दीसंति सुहमेहंता, शढि पत्ता महायप्ता । ए॥ तदेव अवि. णीयप्पा, देवा जक्खाय गुझगा, दीसंति उह मेहंता,अनियोग मुवटिया॥१०॥ तहेव सुवि. णीयप्पा, देवा जक्खाय गुरुगा दीसंति सुहमेहंता, इड्डि पत्ता महायसा ॥ ११ ॥जे थायरिय उवकायाणं, सुस्सूसा वयणं करा, तेसिं सिक्खा पवटुंति जल सित्ता व पायवा ॥१२॥ अप्पपट्टा परावा सिप्पा णेणियाणियं, गिहिणो उवनोगा, इह लोगस्स कारणा ।। १३॥ जेण