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[६] तु तेय पत्तेया ॥ फल फूल बलि कहा, मूलग पत्ताणि बीयाणि ॥१३॥ पत्तेयं तरु मुत्तं, पंचवि पुढवाईणो सयललोए ।सुहुमा हवंति नियमा, अंतमुहुत्ताउ अहिस्सा ॥१४॥ संख कवाय गंमुल, जलोय चंदणग अलस लहगाई ॥ मेहर किमि पूयरगा, बेद्रिय माश्वाहाई ॥१५॥ गोमी मंकण जूधा, पिपीलि उद्देहिया य मकोमा ॥३विय घयमिलीयो, सावय गोकीड जाश्यो॥१६।। गद्ददय चोरकीडा, गोमयकीडा य धन्नकोडा य ॥ कुंथु गुवालिय इलिया, तेदिय इंदगोवाई।१७। चरिदिया य विच्चू , टिंकुण नमराय नमरिया तिका॥ मच्छिय मंसा मसगा, कंसारी कविलमोलाई ॥१०॥ पंचिंदिया य चउहा, नारय तिरिया मणुस्स देवा य ॥ नेरश्या सत्तविहा, नायवा पुढविनेएणं ॥१५॥ जलयर थलयर खयरा, ति. विदा पंचिंदिया तिरिक्खा य ॥ सुसुभार मच्छ कच्छव, गाहा मगरा य जलचारी ॥२०॥ चनपय उरपरिसप्पा, जुयपरिसप्पा, य थलयरा ति