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मीठा मधुर अमीपान पीवाडजो हो, आयुः शताब्द शुभवर्ष जीवाडजो हो. सद्धर्ममां सतत् फाळ भरावजो हो, ने ईश धून हृदये उतरावजो हो । भाचीनमार्ग सुप्रतिष्ठा बतावजो हो, सद्धर्म साधनो बळी दरशावजो हो.
___ ली. जाति हितैषी
"शाह. मोतीलाल त्रीकमदास मालवी.
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