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सचा दहेज ( माता का पुत्री को उमदेश)- कन्या को ससुराल में जाकर किस तरह का व्यवहार करना चाहिए, भोजन बनाना आदि गृहस्थ के कामों में कैसी सावधानी रखनी चाहिए इत्यादि स्त्री उपयोगी प्राय: सब बातौ की शिक्षा इसमें आगई है। यह स्त्री शिक्षा की बहुत उपयोगी पुस्तक है, और कन्या पाठशालाओं के पठन क्रम मै रखने योग्य है । पृ० ३६ न्यो० =)
हिन्दी-बाल-शिक्षा- पहला भाग, जैन पाठशालाओं में पढ़ाने योग्य पुस्तकों का प्राय: अभाव देख कर हमने हिन्दीबाल शिक्षा सिरीज निकालना प्रारंभ किया है । उसके दो भाग छप गये हैं, आगे के भाग भी जल्दी छपने वाले हैं। पहला भाग पृष्ट २४ न्योछावर .... .... ) दूसरा भाग पृष्ट ४६ न्योछावर .
... -॥ धर्म बोध-संग्रह- यह जैनधर्म की प्रथम-शिक्षा के लिए अति उपयोगी पुस्तक है । इसमें तीर्थकर विहरमान, गणधर और सतियों के नाम, सम्यक्त्व का सविस्तर स्वरूप, दयापालने का स्वरूप, श्रावक के तीन मनोरथ, ४ गति के बंध के कारण तथा छुटकरे बोल, शिक्षा के बोल, विनीत और अविनीत के बोल, कालका प्रमाण, रुचि (श्रद्धा) के १० भेद का तथा १२ प्रकार के तप का लक्षण, तीर्थकर गोत्र बांधने के २० बोल, २५ क्रिया, महामोहनीय कर्म बांधने क ३० बोल, मिथ्यात्व के भेद इत्यादि ४० विषयों का वर्णन है । पृष्ट ५६ न्योछावर -) __इसके सिवा और भी पुस्तकें हमारे यहां छपी हैं और छपने वाली हैं। हमारा सूचीपत्र मँगा कर देखिये ।
सारचन्द भैरोंदान सेठिया, बीकानेर.