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श्री वीतरागाय नमः ।
लघुदंडक का थोकडा
॥ प्रारंभ ॥
अथ चौवीश दंडक का नाम
गाथा - *नेरी असुंराई, पुढबाई बेइंदियादओ चेव । गन्भयतिरियमणुस्सा, वंतर जोइसियै वेमाणी ॥ १ ॥ अर्थ - नेरइया - नारकी सात का एक दंडक ! असुराई - असुर कुमारादिक दश भुवनपति का दश दण्डक । पुढवाई - पृथ्वीकायादि पांच स्थावर का पांच दण्डक । बेइन्दियायओ - बेइंदियादिक तीन विकलेन्द्रिय का तीन दण्डक । गन्भयतिरियमगुस्सा - गर्भज तिर्यच का एक दंडक, तथा गर्भज मनुष्य का एक दण्डक । वंतर - व्यन्तर देव, वाणन्यन्तरे देवका एक दण्डक । जोइसिय