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________________ [३१] और परस्थान ग्रासरी जघन्य १.२-३संख्याता,उत्कृष्ट असंख्याता उपजे। असन्नी मनुष्यमें ज०१-२-३यावत् संख्याता, उत्कृष्ट असंख्याता उपजे । २०स्थितिपृथ्वीकायकी स्थिति ज० अंतर्मुहर्त की उ० २२००० वर्ष की, अपकाय ७००० ,, तेउकाय तीन अहोरात्री की वायुकाय , ,, ,, ३००० वर्ष की, वनस्पतिकाय ,, १०००० ,, असन्नी मनुष्य की , ,, अंतर्मुहूर्त की २१ समोहया असमोहया मरण- पांच स्थावर और प्रसन्नी मनुष्य दोनों प्रकार के मरण मरते हैं । २२ चवण-चार स्थावर में स्वस्थान प्रासरी समय समय असंख्याता च्यवे, और परस्थान आसरी ज० १-२-३ यावत् संख्याता उत्कृष्ट असंख्याता च्यवे, वनस्पति काय में स्वस्थान प्रासरी समय समय अनंता च्यवे और परस्थान आसरी ज० १ - २-३ यावत् संख्याता उत्कृष्ट असंख्याता च्यवे । असन्नी मनुष्य में ज० १ - २ -- ३ यावत् संख्याता उत्कृष्ट असंख्याता च्यवे। २३गई-पृथ्वीकाय,अपकाय, और वनस्पति काय
SR No.022356
Book TitleLaghu Dandak Ka Thokda
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages60
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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