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(40) विगेरे ) नी बगाउनी अने गर्न खेचरजीवोनी पृथक्त्व धनुष्यनी उत्कृष्ट अवगाहना कही बे. समुच्छिम जलचरनी उत्कृष्ट अवगाहना हजार जोजननी, समुमि नरपरिसर्पनी पृथक्त्व जोजननी, समुमि चोपगानी पृथक्त्व गाउनी अने समुर्खिम भुजपरिसर्प तथा समुर्छिम खेचरजीवोनी पृथक्त्व धनुयनी उत्कृष्ट अवगाहना कही बे. तिर्यंच पचेंद्रिय कोइ जीव लब्धियोगे वैक्रिय शरीर करे तो जघन्य गुलनो संख्यातमो नाग ने उत्कृष्ट नवसेंजोजन सुधी करी शके बे.
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समुमि मनुष्योनुं उत्कृष्ट अने जघन्य देहमान गुलना श्रसंख्यातमां नागनुं कथं बे. गर्भज मनुष्यनुं जघन्य देहमान अंगुलना असंख्यातमा जाग जेटलुंने ऊत्कृष्ट त्रण गाउनुं कयुं छे. क्षेत्रनी छापेकाए पांच देवकुरुने पांच उत्तर कुरुक्षेत्रना मनुष्यनुं उत्कृष्ट देहमान त्रण गाउनुं, पांच हरिवर्षने पांच रम्यकक्षेत्रना मनुष्यनुं उत्कृष्ट देहमान बे गाउनुं, पांच हेमवंतने पांच भैरण्यवृत क्षेत्रना मनुष्योनुं उत्कृष्ट