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(रजए) थिया अपर्याप्ता असंख्यातगुणा, ७३ तेथी सुक्ष्म अपर्याप्ता विशेषाधिक, ४ तेथी सुक्ष्म पर्याप्ता वनस्पतिकायिया संख्यातगुणा, ५ तेथी सर्व सुक्ष्म पर्याप्ता विशेषाधिक, ७६ तेथी सर्व पर्याप्ता अपर्याप्ता सुक्ष्म जीव विशेषाधिक, ७ तेथी नव्यसिक्कि नव्यजीव विशेषाधिक, ७ तेथी निगोदनाजीव विशेषाधिक, नए तेथी वनस्पतिना जीव विशेषाधिक,ए. तेथी एकेजियजीव विशेषाधिक, ए१ तेथी तिर्यचयो निया विशेषाधिक, ए तेथी मिथ्या दृष्टि विशेषा धिक, ए३ तेथी थविरतिजीव विशेषाधिक, ए४ तेथो सकषायी जीव विशेषाधिक, ए५ तेथी बद्मस्थजीव वि. शेषाधिक, ए६ तेथी सयोगी विशेषाधिक, तेथी सर्व संसारी जीवविशेषाधिक अने एज तेथी सर्व जीववि. शेषाधिक .
॥ इति अल्प बहुत्वधार ॥ __ अथ चालीसमुं संझीझार. संझी-संज्ञा-जाणवू तेनेसंझा कहीए. संझा त्रण प्रकारनी बे, १ दीर्घकालीकी संज्ञा, २ हितोप