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चौद दमके मनना चार, वचनना चार तथा वैक्रियकाययोग, वेक्रियमिश्रकाययोग अने कार्मणकाययोग ए त्रण योग कायाना मळीने अगियार योग कलां बे. तिर्यचना दंडके एक आहारककाययोग अने बीजो दारक मिश्रकाययोग वर्जीने बाकीना तेर योग कलां बे, गर्भजमनुष्यना दंककने विषे पंदर योग होय बे. बेइंडिय, तेइंद्रिय छाने चौरिंडियना रुके एक प्रौदारिककाययोग, बीजो श्रौदारिक मिश्रकाययोग, त्रीजो कार्मणकाययोग ने चोथो असत्या मृषावचनयोग एम चार योगकझां बे. वाचकायना एकदंरुकने विषे एक औौदारिककाययोग, बीजो दारीक मिश्र काययोग, त्रीजो वैक्रियकाययोग, चोथोवेक्रिय मिश्र काययोग, अने पांचमो कार्म
काययोग एम पांच योग कह्यां बे. पृथ्वीकाय, अपकाय, तं काय छाने वनस्पतिकायना दंगके एक बौदारिक काययोग, बीजो श्रदारिक मिश्रकाययोग अने जो कार्मण काययोग एम त्रणयोगकझांबे, सिझना जीवो योगी बे ॥ इति योगद्वार ॥
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