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लहियं के०) त्रयोदशांगुलमर्धाधिकं, एटले सामा तेर अंगुल अर्थात् (३१६२७) योजन उपर त्रण कोश अने (१२७) धनुष्य उपर सामा तेर अंगुल एटली जंबूछीपनी परिधि थाय ॥७. ते जाणवानी रीत या आगळ बताववामां आवे .
नोट-बाजुमा परिधि संबंधी गणित जाणवानी वीधिना पेज ८ जुदा आपेला छे त्यार पछी संबंध चालु छे.