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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन
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182 184 192 193 194 198 225
वेदविषयक अवधारणा दृष्टि-विमर्श ज्ञान-विवेचन दर्शन निरूपण उपयोगविचार आहार विचार गुणस्थान-विवेचन समीक्षण
पंचम अध्याय : जीव विवेचन (4) योग-विमर्श
योग के भेद (241) योग के उपभेद (242) योग सम्बन्धित
शंका-समाधान (246) मानद्वार: जीवों कामापन जीवों में परस्पर एवं दिशाकीअपेक्षाअल्पबहुत्व विधान ___ सजातीय एवं दिशा की अपेक्षा अल्पबहुत्व (249) महा-अल्पबहुत्व अन्तरद्वारः उसी गतिआदिकी पुनः प्राप्ति का निरूपण भवसंवेधद्वार : नरकादिमें भवों की संख्या समीक्षण
240
247 249
252
259 260 273
षष्ठ अध्याय : क्षेत्रलोक लोक में 14 रज्जुओंका विभाग
283 त्रसनालीस्वरूप
286 खंडुक प्रमाणसे लोक काप्रमाण
287 ऊर्ध्वलोकादिका नामकरण
287 तीनों लोकोंकामध्यभाग
289 वातवलय
289 दिशा और विदिशाओं कास्वरूप
289 अधोलोककास्वरूप - - -
293 मध्यलोक कास्वरूप
294 - जम्बूद्वीप (298) मेरुपर्वत (305) धातकी खण्ड (306) अर्द्धपुष्कर
द्वीप (307) मनुष्य क्षेत्र (307) ज्योतिष चक्र (307) ऊर्ध्वलोक
308 समीक्षण
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