SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 67
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन आदि नदियाँ, चौदह महानदियों की गहराई एवं विस्तार, हैमवंत क्षेत्र का स्थान, हरिवर्ष क्षेत्र का स्थान, रम्यक् क्षेत्र, नीलवंत पर्वत, महाविदेह क्षेत्र का स्थान, महाविदेह के चार विभाग, गजदन्त पर्वतों की लम्बाई-चौड़ाई, कुरुक्षेत्र का मान, यमक गिरि एवं कांचन गिरि, धातकी खण्ड के मेरु पर्वत का वर्णन, भद्रशाल वन, नन्दन वन, सौमनस वन, पांडक वन, धातकी खण्ड में सरोवर नदियाँ, तीर्थकर, चक्रवर्ती, सूर्य, चन्द्र, नक्षत्र आदि की संख्या, कालोदधि समुद्र का वर्णना तेईसवाँ | ३२१ | २१ पुष्कर द्वीप, नाम की सार्थकता, मानुषोत्तर पर्वत, पर्वत पर कूटों तथा अधिष्ठित देव, ईषुकार पर्वत, वर्षधर पर्वत, हिमवान पर्वत पर पद्म सरोवर, सरोवर से निकलती गंगा-सिन्धु नदियाँ, रोहिताशा नदी, महापद्म-सरोवर से निकलती नदियाँ, हैरण्यवंत क्षेत्र एवं | रुक्मि पर्वत, मनुष्य क्षेत्र का ४५ लाख योजन विस्तार, मनुष्य क्षेत्र के बाहर मनुष्यों का जन्म-मरण, अढ़ाई द्वीप के बाहर मनुष्यों का मरण संभव, मनुष्यों के १०१ स्थान, बीस विहरमान, चक्रवर्ती, | वासुदेव, बलदेव आदि की संख्या, रत्न-निधियों का वर्णन, चन्द्र-सूर्य की श्रेणि एवं संस्था, अढ़ाई द्वीप के अन्दर और बाहर | चैत्यों तथा जिन बिम्बों का वर्णन, तिरछा लोक, ऊर्ध्वलोक तथा अधोलोक के चैत्यों, प्रतिमाओं, बिम्बों की संख्या तथा प्रमाण। चौबीसवाँ, ३४३ ८७ । | अढ़ाई द्वीप के बाहर स्थित ज्योतिषी, सूर्य-चन्द्र के दो प्रकार एवं | प्रकाश क्षेत्र, ज्योतिष करंडक एवं चन्द्र प्रज्ञप्ति आदि से सूर्य चन्द्र जानने का करण, मनुष्य क्षेत्र के बाहर चन्द्र-सूर्य की पंक्तियों में मतान्तर, पुष्करोद समुद्र, क्षीरोद समुद्र, घृतवर द्वीप, घृतोद समुद्र, | क्षोदवर द्वीप, क्षीदोद समुद्र आदि का वर्णन, नंदीश्वर द्वीप और अंजनगिरि का स्वरूप, दधिमुख पर्वत, रुचक द्वीप, स्वयंभूरमण द्वीप एवं समुद्र आदि। पच्चीसवाँ २१६ |३२ ज्योतिष चक्र का प्रारम्भ, सम्भूतल से तारा एवं चन्द्र की दूरी, | सूर्य-चन्द्र के विमानों का प्रमाण आदि, ज्योतिष शास्त्र की
SR No.022332
Book TitleLokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemlata Jain
PublisherL D Institute of Indology
Publication Year2014
Total Pages422
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy