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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन __ करनार तथा वेचनार, १०७ धनजी स्ट्रीट, मुम्बई ३, १६२६ ७२. श्रीमद् भागवत महापुराण- वेदव्यास प्रणीत, गीताप्रेस, गोरखपुर ७३. श्री हैमप्रकाशमहाव्याकरणम्- (अ) पूर्वार्द्ध- उपाध्याय क्षमाविजय गणि, मांगरोल निवासी,
शाह हीरालाल सोमचन्द, कोट, मुम्बई, १६३७ . (ब) उत्तरार्द्ध- श्री विजयक्षमाभद्रसूरीश्वरजी, श्री श्रुतज्ञान अमीधारा ज्ञानमंदिर, शा.
पूनमचन्द गोमाजी, मु. बेड़ा (स्टेट मोरीबेड़ामाखाड़), १६५४ ७४. षट्खण्डागम धवला टीका- (अ) प्रथम खण्ड, भाग १, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर,
१६७३ (ब) प्रथम खण्ड, भाग २, सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय,
अमरावती, १६४० (स) प्रथम खण्ड, भाग ४, सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय,
अमरावती, १६४२ (द) प्रथम खण्ड, भाग ५, सेठ शिताबराय, लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, अमरावती, १६४२ (य) प्रथम खण्ड, भाग ६, सेठ लालचन्द हीराचन्द जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, द्वितीय आवृत्ति, १६८५ (र) प्रथम खण्ड, चूलिका, सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, अमरावती, १६४३ (ल) द्वितीय खण्ड, सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, अमरावती, १६४५ (व) तृतीय खण्ड, सेठ शिताबराय लक्ष्मीचन्द्र जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय,
अमरावती, १६४७ ७५. सन्मति तर्कप्रकरण-सिद्धसेन, व्याख्याकार सुखलाल संघवी, ज्ञानोदय ट्रस्ट, अहमदाबाद,
१६६६ ७६. समीक्षा चक्रवर्ती पण्डित मधुसूदन ओझा कृत इन्द्रविजय : एक समीक्षात्मक
अध्ययन प्रकाशित)- अनुसन्धात्री सारिका पारीक, संस्कृत विभाग, जयनारायण व्यास
विश्वविद्यालय, जोधपुर ७७. सर्वार्थसिद्धि- पूज्यपाद विरचित, पण्डित फूलचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली,
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