SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 361
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 332 लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन आए हुए कर्म पुद्गलों को समय से पूर्व उदय में लाकर भोगना है। उपक्रमकाल सामाचारी और यथायुष्क दो प्रकार का होता है।०६ (1) सामाचारी उपक्रमकाल शिष्ट पुरुषों के आचरण की क्रियाओं का समूह सामाचारी कहलाता है और उस सामाचारी द्वारा किया गया उपक्रम सामाचारी उपक्रम कहलाता है। सामाचारी-उपक्रम में लगने वाला काल 'सामाचारी उपक्रम काल' कहा जाता है। सामाचारी आगम ग्रन्थ उत्तराध्ययन सूत्र, आवश्यक सूत्र ग्रन्थों में उपलब्ध होती है। यतनापूर्वक सोना, उठना, चलना, खाना, पीना आदि सभी क्रियाओं द्वारा सामाचारी उपक्रम किया जाता है। सामाचारी उपक्रम ओघ, पदविभाग और दशविध तीन प्रकार का होता है। ओघः पदविभागश्च दशधा चेति स त्रिधा। सामाचारीत्रिधात्वेनोपक्रमोऽप्युदितो बुधैः ।। सामान्य प्रतिलेखना आदि साधुओं की सामाचारी जिसका 'ओघनियुक्ति' में उल्लेख मिलता है वह ओघ सामाचारी कहलाती है। इसी प्रकार छेदसूत्र में उल्लिखित सामाचारी पदविभागसामाचारी और आवश्यकनियुक्ति ग्रन्थ में लिखित दस प्रकार की सामाचारी दशविध सामाचारी कहलाती है।" उत्तराध्ययन सूत्र में भी दशविध सामाचारी का उल्लेख मिलता है। लोकप्रकाश के अनुसार दशविध सामाचारी इस प्रकार इच्छामिच्छातहक्कारो आवस्सिया य निसीहिया। आपुच्छणा य पडिपुच्छा छंदणा य निमंतणा। उवसंपदा य काले सामाचारी भवे दसधा।।" इच्छाकार, मिथ्याकार, तथाकार, आवश्यकी, नैषेधिकी, आपृच्छना, प्रतिपृच्छना, छन्दना, निमंत्रणा और उपसंपदा ये दस प्रकार की सामाचारी काल के आश्रित है। इच्छाकार- गुरु के आदेश देने पर इच्छापूर्वक कार्य करना और विनम्रतापूर्वक कार्य करवाना इच्छाकारसामाचारी है।" मिथ्याकार-दोषनिवृत्ति के लिए आत्मनिन्दा करना मिथ्याकार सामाचारी है।"२ तथाकार-गुरु के द्वारा दिए गए उपदेश, सूत्र, अर्थ आदि वचन सत्य है इस प्रकार स्वीकार करना तथाकार-सामाचारी है।" आवश्यकी- आवश्यक कार्य के लिए उपाश्रय से बाहर जाते समय 'आवस्सिया' शब्द का
SR No.022332
Book TitleLokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemlata Jain
PublisherL D Institute of Indology
Publication Year2014
Total Pages422
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy