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लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन
लोक कास्वरुप
सिद्धक्षेत्र (अनंत सिद्ध) 5 अनुत्तर विमान (1 प्रतर)
सिद्ध शिला
अनंत
१ ग्रैवेयक के 9 प्रतर
व
अ
आकाश
लो
4 प्रत
क
4 प्रत
EFFE
Popuna
घनोदधिमनवात
तनवात
Poonames TV
14 प्रतर
5 प्रतर
6प्रतर १ लोकांतिक
12 प्रतर 3 किल्विषी 3 प्रतर
अनंत अलोकाकाश
-बनोदधि
मध्यलोक (तिर्खालोक) (1800 योजन ऊँचा)
मेरु पर्वत चर-अचर ज्योतिष चक्र असंख्य द्वीप समुद्र नरक 1(रत्नप्रभा) -नरक 2 (शर्कराप्रभा)
10 जांभक
16 वाणव्यंतर 10 भवनपति 15 परमाधामी
- RE8
MES
नरक 3 (वालुकाप्रभा)
नरक4 (पंकप्रभा)
आकाश असंख्य योजन
नरक5 (धूम्रप्रभा)
घनोदधि
धनवात तनवात
नरक (तमःप्रभा)
नरक7 (तमःतमःप्रभा) स्थावर नाडी
अलोक
अलीक
त्रसनाडी रज्जू चौड़ी-14 रज्जू ऊँची