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विषयानुक्रम
क्रम
विषय
हिन्दी गुती पृ. नं. ५.नं.
(१) निवेदन (२) ग्रन्थप्रणेतानी जीवनरेखा (३) नवतत्त्वसंग्रह (४) (१) जीव-तत्त्व (५) जीवभेद (६) संख्याद्वार (७) अथ पूर्वोत्पन्नसंख्या लिख्यते (कोष्टक-१) (८) वृद्धि-हानि भगवती श० ५, उ०८ (कोष्टक-२) (९) अवस्थित( ति यन्त्रम्-जीवानां सर्वाद्धा (कोष्टक-३) (१०) (सोपचय आदि) भग० श० ५, उ०८ (कोष्टक-४) (११) (कृतादि युग्म) भग० श० १८, उ० ४ (कोष्टक-५) (१२) (योग विषयक अल्पबहुत्व) भग० श० २५, उ० १ (कोष्टक-६) (१३) पंदर योग परत्वे अल्पबहुत्व भग० श० २५, उ०१(कोष्टक-७) (१४) (सूक्ष्म पृथ्वीकायादिकी अवगाहना भग० श० १९, उ० ३)(कोष्टक-८) (१५) (कोष्टक-९) (१६) पन्नवणा पद २२ मे (सू० २८४) क्रियायन्त्रम् (कोष्टक-१०) (१७) भगवती श० १ उद्देशे २ कालयन्त्रम् (कोष्टक-११) (१८) षट् लेश्या द्वार (कोष्टक-१२) (१९) लेश्या का अल्पबहुत्व (कोष्टक-१३) (२०) श्रीपन्नवणा २ पदात् स्थानयंत्र क्षेत्र द्वारम् (कोष्टक-१४) (२१) श्रीपन्नवणा अवगाहना २१मे पदात् स्पर्शनाद्वारम् (कोष्टक-१५) (२२) श्रीपन्नवणा पद ३६मेथी समुद्धातयंत्रम् (कोष्टक-१६) (२३) केवल( लि )समुद्धातयंत्रं (कोष्टक-१७) (२४) श्रीपन्नवणा पद ३६मे सात समुद्घात अल्पबहुत्वम् (कोष्टक-१८) (२५) श्रीपन्नवणा कषायपदे अल्पबहुत्वम् (कोष्टक-१९) (२६) आचारांगात् षोडश (१६) संज्ञास्वरूप (२७) अथ आहारादि संज्ञा ४ यंत्रं स्थानांगस्थाने ४ उद्देशे ४
वा पन्नवणा संज्ञापद (कोष्टक-२०) (२८) सांतर निरंतर द्वारम् (कोष्टक-२१) (२९) भाषा के पुद्गल ५ प्रकारे भेदाय ते यंत्रम् पन्नवणा पद ११ (कोष्टक-२२) (३०) भाषास्वरूपयंत्रं प्रज्ञापना पद ११ (३१) शरीर पांच का यंत्रं श्रीप्रज्ञापना पद २१ (कोष्टक-२३) (३२) योनियंत्र पन्नवणा पद ९ (३३) ८४ लाख योनिसंख्या (कोष्टक-२४) (३४) कोष्टक-२५