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पचरकाण नाष्य अर्धसहित. २७१ तेहर्नु मघ, वीजुं (मबिय के) माखी- मध, अने त्रीगँ (नामर के) नमरातुं मध एवं (तिहा के०) त्रण प्रकार, (महु के) मधु एटले मध जागवू, तथा एक (क के०) काष्ठ ते धानको प्रमुख कारथी महुमादिकथी नीपन्यु मद्य, बीजु (पिके) पिष्ट ते ज्वारप्रमुखना आटादिकथी नीपनी मदिरा ए (मद्य के०) मद्य एटले मदिरा ते (उहा के)बे प्रकारनी जाणवी. हवे मांसना नेद कहे . एक (जल के ) जलचर जीव जे मत्स्यादिक ते.बीजुं (श्रल के) थलचर जीव जे हिपदचतुष्पदादिक तेर्नु, त्रीजुं (खग के )खेचर जीव जे पदीयादिक तेनुं, ए (तिहा के) त्रिधा एटले त्रण प्रकारचें (मंस के) मांस जागवू, तथा (घयत्व के) घृतवत् एटले जेम घृत, गायनेष गामरी अने गली ए चार प्रकारे कडं तेम (मरकण के० ) माखण पण ए हज चार प्रकार, जाणवू, पण एटलुं विशेष ले जे माखण , ते सर्व (चनअन्नरका के०) चारे प्रकार, अन्नदयज ले. अने घृत जे , ते चारे