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विना इसका संस्करण निकाले ऐसा होना असम्भव था इसी लिये मैंने इस ग्रन्थको प्रकाशित करनेका साहस किया है ।
ग्रन्थकाकी कृतिमें लेशमात्र फेरफार न करके जयपुरी भाषामें इसको जैसाका तैसा छपाया है । इस ग्रन्थके संशोधनमें श्रीयुत पं० बालचन्दनी संघी तथा श्रीयुत मास्टर दीपचन्द्रनीने विशेष सहायता दी इसलिये मैं उनका आभारी होकर उन्हें कोटिशः धन्यवाद देता हूं। जखौरा जिला झांसी
. हितैषी- . .. चैत्र वदी २ सं० १९७५
मूलचन्द मैनेजर
यह पुस्तक मिलनेका पता
मृलचन्द मैनेजर
सद्बोधरत्नाकर कार्यालय बड़ा बानार, सागर (सी. पी.)