________________
व्याख्यान ३० :
: २८१ :
मी पाठ करने से उपद्रव का नाश होजाता है। अनुक्रम से अनेकों भव्य जीवों को प्रतिबोध कर भद्रबाहुस्वामी स्वर्ग सिधारे ।
भद्रबाहुस्वामीने शुभ निमित्त के बल से राजा को जैन धर्मी बनाया, उसी प्रकार अन्य को भी शासन की उन्नति के लिये प्रयास करना चाहिये। . इत्युपदशप्रासादे द्वितीयस्तंभे त्रिंशत्तमं
व्याख्यानम् ॥ ३० ॥
॥ इति द्वितीयः स्तंभः ॥