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*प्रन्थ का नाम संवेगरंगशाला
*प्रकाशन तिथि अक्षय तृतीय २०४२
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*ग्रन्थकार पू० आचार्य श्री जिनचन्द्र सूरी जी
*आवृत्ति . प्रथम २२०० प्रतियाँ
*अनुवादक पंन्यास श्री पद्म विजय
*मूल्य तीस रुपया
*प्रकाशक श्री निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन संघ
*मुद्रक
आर्यन प्रेस, मेरठ-२
* प्राप्ति स्थान *
१-श्री आत्मानन्द जैन बालाश्रम
हस्तिनापुर जि० मेरठ (उत्तर प्रदेश)
२-सोमचन्द डी० शाह
जीवन निवास के सामने, पालीताणा (गुजरात)
३-सरस्वती पुस्तक भण्डार
हाथीखाना, रतन पोल, अहमदाबाद (गुजरात)
४-शाह अमीचन्द ताराचन्द
३६, खान बिल्डिग नबाब टेक ब्रीज, मझगांव बम्बई-१०