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________________ इन सात सप्तक के विकल्पों को तीन काल से गुण करने पर ४sx१४७ भांगे होते है। प्रश्न: प्रत्याख्यान भविव्य काल के विषय वाला है, अर्थात भावि में किये जाने वाले अनुचित कार्योके त्याग स्वरुप है, फिर तीनो काल के विषयवाला गिनकर उसके १४७ विकल्प क्यों कहे? तथा भूतकाल के अनुचित आचरण का त्याग प्रत्याख्यान करने समय कैसे हो सकता है? उत्तरः भूतकाल में किये हुए अनुचित आचरण की निंदा और गर्दा करता हूँ उससे विराम लूंगा और भविष्य काल में ऐसे आचरण को नहीं करूंगा । इस प्रकार प्रत्याख्यान में भूतकाल की मिंदा, वर्तमान का संवर, और भविष्य का प्रत्याख्यान होता है, अतः तीनो काल के विषय वाला प्रत्याख्यान है, कहाभि है कि .... अतीतस्य निंदया, सांप्रतिकस्य संवरणेन, अनागतस्य प्रत्याख्यानेन (इति अवचूरिः) अवतरण:- प्रत्याख्यान का पालन किस तरह करना चाहिये ? तथा प्रत्याख्यान ग्रहण के अन्य चार प्रकार इस गाथा में दर्शाये गये हैं। एयं च उत्तकाले, सयं च मण वय तर्हि पालणियं । जाणग जाणगपासत्ति, भंग चउगे तिसु अणुन्ना ||४|| शब्दार्थ:- एय-इन (पौरुषी आदि प्रत्या०), उत्तकाले कहेहुए काल तक, सयं-स्वयं, जाणग-प्रत्या० के जानकार, (अ) जाणग-प्रत्या० के अजाण अनजान, पास-पासमें, त्ति-इस प्रकार, तिसु-तीन भागमें, अणुब्ला-अनुज्ञा, आज्ञा, गाथार्थ:- इन (पौरुषी आदि) प्रत्याख्यानों को उनके कहे हुए (एक प्रहर इत्यादि) कालतक स्वयं मन वचन काया से परिपालन करे (लेकिन भांगे नहीं) तथा प्रत्या० के जानकार और अजानकार के पास से प्रत्याख्यान लेने - देने के चार विकल्पों में तीन विकल्प के विषयमें प्रत्याख्यान करने की आज्ञा है। विशेषार्थ:- पौरुषी आदि प्रत्याख्यानो का जितना काल बताया है, उतने काल तक प्रत्याख्यान का पालन पूर्ण आदर के साथ करना चाहिये । लेकिन किसी भी प्रकार के सांसारिक कार्यों के प्रलोभन में आकर प्रत्याख्यान समयावधि से पूर्व नही पालना चाहिये या ने भंग नही करना चाहिए । सांसारिक अनेक लाभों का त्याग कर जो ली हुई प्रतिज्ञा का पूर्ण पालन करता है, अन्त में उसे ही महान लाभ प्राप्त होता है। तथा मोक्षमार्ग - -199
SR No.022300
Book TitleBhashyatrayam Chaityavandan Bhashya, Guruvandan Bhashya, Pacchakhan Bhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmityashsuri
PublisherSankat Mochan Parshwa Bhairav Tirth
Publication Year
Total Pages222
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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