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CR मुलमजैनग्रंथमाला पुष्प ३
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श्रीपरमात्मने नमः। श्रीमुनिस्वामिकार्तिकेय विरचित
स्वामिकार्तिकेयानप्रेक्षा
स्वर्गीय पं0 जयचंद्रजी कृत वचनिका सहित ।
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जिसको गांधी हरीभाई देवकरण एंडसंस् संरक्षित - भारतीय जैनसिद्धांतप्रकाशिनी संस्थाने धरणगांव निवासी झूमकराम भगवानसा दि०वीसा ओसवालकी है।
द्रव्यसे प्रकाशित किया। प्रथमावृत्ति } भाद्रपद वी० सं० २४४७ { न्योछावर ॥ TE
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