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________________ २७९ रइयम्मि समोसरणे रोहिणि अंबा तह रोहे वणं छट्ठे गुद्धिम लद्धूण दुल्लहं ता लद्धूण माणुसतं लिंगा ण तिए भावो सुसे लोगववहारविरओ लोगे य साहुवाओ लोगे सलाह णिज्जो लोगो गुरुतरगो खलु लोगविरुद्धच्चाओ वंतरगाहवणाओ वइमेत्तं णिव्विसयं वज्जइ इत्तरि अपरिग्गहियागमणं वज्जइ इह वज्जइ इह वज्जइ उड्डाइक्कममाणवज्जइ सयमारंभ वज्जणमणंतगुंबरिअच्छंगाणं वण्णो य पवयणस्सा वत्तणसंधण वत्थविलेवणमल्लादिएहिं वत्थेण बंधिऊणं वयभंगो गुरुदोसो वरगंधपुप्फदा वरबोहिलाभओ सो २/२३ १९ / २४ १६/१२ १६/१० ९/४४ १५/५० ३/९ ५/३१ १० / ३१ ७/२४ ६/४७ ९/४८ ४/३४ २/१६ १२/२० १ / १६ १/१४ १/२८ १/२० १० / २६ १/२१ ९/३८ १२/४३ ९/८ ४/२० ५/१२ २/२५ ७/३६ वाकुमाराई वाकुमा वाय पडणा वाहिमवणे भावे विग्घाणं चाभावो वित्तीवोच्छेयम्मि य विरईए संवेगा विसघाइ १ रसायण २ विसयपवेसे रो विसप्प गरिसभावे विसयसरूवणुबंधेहिं विहिप ओसो जेसिं विहिणा उ कीरमाणा विहिणा पsिपुणम्मी विहिताद्वात्तं विहिताणुाणप विहियाणुद्वाणं चिय विहियाणुट्टापि य विहियाणामी विहियाणुाणमिति वाणुओ वेमाणियजोइसभवणवासिया वेमाणियदेवाणं णराण याचि वेलाइ विहामि य वोचत्त हो संकिय मक्खिय संघादुद्देसेणं परिशिष्टम् - २ २/१२ २/१३ १२/१५ १७/४ २/७ ४/७ ५/५० १४ / ३२ ९/१३ ९/४३ १९ / ४२ ३/४८ ४/२ ५/३६ १६/४६ १४/२७ १६/४७ १८/४४ १६ / ३६ ६/४ २/४० २/१५ २/२१ १८/३३ ३/१० १८/६ १३/२६ १७/१५
SR No.022282
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmratnavijay
PublisherManav Kalyan Sansthanam
Publication Year2014
Total Pages362
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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