SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 474
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ४५४ सिद्धान्तसार. मांथी शेर थाहार ले, कारण के सतुकारनो आहार लेतां लोकमां जिन मार्गनी लघुता लागे ते माटे न ले. वली मेड् वरसतां गुरुने देह चिंता नपनी, ते वखते एक शिष्य कहे के हुं तो नही परतुं, केमके जीवनी सा लागे; ने बीजो परठवे बे. ए वेमां व्यवहार शुद्ध कोण ? अने श्राराधिक कोण ? इत्यादिक व्यवहार-मार्ग नपर प्रश्न घणा बे. जेणे व्यवहार लोप्यो तेणे निश्चे पण लोप्यो जावो; अने जेणे शुद्ध व्यव दार राख्यो तेने मुक्ति फल आसन बे. वली श्री मल्लीनाथ जगवान श्रवेदी इता, पण व्यवहार राखवा माटे श्रारजानी प्रखदामां रेहेता. हवे तमे व्यवहार लोपीने, धारजानो संस्तव परिचय करीने, नित्यने नित्य घेरे, हाटे ने रस्तामां वोहोरीने जिनमार्गने केम लजावो हो ? वली तेरापंथी, साधुजीने नदी उतर्यामां धर्म कहे बे ने नदी तरवीने जगवंतनी श्रज्ञामां कहे बे; पण जगवंते नत्सर्ग (घोख) मा - र्गमां नदी उतरवानी आज्ञा बत्रीस सूत्रमां कोइ पण ठेकाले थापी नथी. फक्त अपवाद मार्गमां अपसरते ज्ञान, दर्शन छाने चारीत्रना गुण राखवाने अर्थे अथवा ज्ञानादिक गुण वधारवाने कार्थे तथा लानने नदी नतरवानी विधि नलखावी बे. जेम शेठ गुमास्ताने मालना जापतानी शीखामण आपे के “ विना खर्चे माल जापताथी पोहोंचामी देजे. " हवे जो गुमास्ताने विना खर्चे माल पहोंचशे तेतुं न जणाय तो दुकी. जाऊं, जोखम, बोलावु, लागत, खर्च खाते गणीने माल पड़ोंचा. ते जगवंते तो साधुने संजमरुप माल यतनापूर्वक निर्वादने प्रज्ञा श्रापी . वे जो नदि यदिक नतरवारुप द्रव्य-हिंसा या विना संजमरुपी मालनो, साधु था जन्म पर्यंत निर्वाह यतो देखे तो तो तेमज करे; पण ज्ञानादिकना जापता जणी तथा ज्ञानादिक व धारवाना लाने अर्थे साधु नदी उतरे, ते पाप खाते जाणे पण दर्ष माने नही; अने पोतानुं चालतां सुधी दसवीस गाउनी अवलाइ पकतां नदी न उतरवी पने तेम करे. दवे जुड़े ! जो नदी नतर्यामां धर्म होय तो वलाइ केम खाय ? साइमुं हर्ष धरीने नदी उतरव । जोइए; पण
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy