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________________ (४२०) + सिद्धान्तसार मे वि० विराध्या होय एम् एकंदी पृथ्व्यादिक पांच स्थावर बेबें बटादिक तेण्कीकी प्रमुख चण्चौरेंजि माखी प्रमुख पं० पंचेपि जलचरादि प्रमुख असामा श्रावता हण्या होय, व० वाटला कीधा होय, धुले करी ढगला कीधा होय, ढांक्या होय ले जुमि साथे मसख्या होय, सं० माहे मांहे शरीर मेलव्यां होय,सं० एक पासे फर्सवे करी पीमा उपजावी होय, पण सघले पासे फसवे करी परितापना नपजावी होय, कि कीलामना गिलानता नपजावी होय, न (उदवेग) धासको पा. ड्यो होय, ग० तेने पोताना रदेवाना स्थानकथी बीजे स्थानके संग मुं. क्या होय जी जिवीतव्यथी मुंकाव्या होय तणते फुः कृत्य मिथ्या था. नावार्थः-हवे आ पाटीमां “गमणागमण करतां प्राणी, बीज, जावत् एकिंजिथी पंचे िजीवने पीमा, कीलामना, उदवेग नपजाव्यो होय यावत् जीव रहित कीधा होयं तो मिलामिक्कम ” कह्यु. हवे जु ! रिया जोइने हालतां अजयणा थर होय तेनुं पण मिहामिछ. कम कह्यु जे. तमे हालोचालोडो केम ? वली श्रावश्यक सूत्रमा नंक, नपगणं, बाजोठ थने पाटीयांना अजयणा थइ होय तेनुं पण मिजामिपुक्क (प्रायश्चित) कडं . तमे बाजोग, पाटीयां उपगण केम राखो बो ? वली नदी उतरतां निश्चे असंख्याता जोवनी घात थाय ने तेनी रियावही पमिकमि मिचामिछक्कम दे . तमे नदी केम नतरो गे? तमे तो कहो बो के “ कमामथा अजयणा थर होय तेनुं मिठामिडकर्म कर्तुं ते माटे हमेशां जाणी जाणीने कमाम वासे उघामे तेमां साधपणुं नथी.” त्यारे तमे पूर्वोक्त काम जाणी जाणीने करोडो अने मिडामिक द्यो बो. हवे तमारी केदेणीने लेखे तमारामां साधपणुं शो रीते सरधीए ? तेवारे तेरापंथी कहे जे के " जु जेली राखवानी, रिया जोश्ने हालवा चालवानी, जंग, उपगण, बाजोठ अने पाटीयां राखवानी, ए. टलां काम करवानी तो नगवंतनी आज्ञा बे; पण ए काम करतां अजयणा थर होय तेनुं मिलामिछक्कम दे ." तेनो नत्तर. हे देवानुप्रीय!
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
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