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+ सिद्धान्तसार,
(१०१)
बेनामी माला फेरवावे. ए तेल-कायना जोवनी रक्षा करावी आगलानुं पाप टलाव्युं तेमां शुं ? (१ए) एज रीते कोइ वस्त्र उंढी तेल-कायना जीवनी रक्षा करी, पोतानु पाप टालतो होय तेने नलो जाणे तेमां शुं ? (२०) तेमज कोइ, अनार्यना उपदेशथी गाम बाल्याथी, दव दीधाथी, नपजव टलतो जाणी, गाम बालवा तथा दव देवा चाल्यो; पण साधु तथा श्रावकना नपदेशथी तेमां मोटुं पाप जाणी, अचित वस्तु दानादिकनुं उपक्रम करे, अने गाम बालवामां तथा दवमां जीव मरता तेनो रक्षा करी पोतानुं पाप टाढ्युं तेमां शुं ? (३१) तेमज को गाम बालतो होय, दव देतो होय तेने सुखमी प्रमुख श्रचित वस्तु खव. रावी दान दर, ते जीवनी रक्षा करावी बागलानुं पाप टलावे तेमां शुं? (२५) एज रीते कोइ पाप टाली जीवनी रक्षा करे, तेने जलो जाणे तेमां शुं १ (५३) को उघामे मोढे बोलतां केवलीनां वचन संजारी वस्त्र प्रमुखथी जयणा करी, वायु-कायना जीवनी रक्षा करी, पोतार्नु पाप टाले तेमां शुं (२४) तेमज कोइ उघामे मोढे बोलतो होय तेने मुहपत्ति, अंगुडो प्रमुख वस्त्र दइ वायु-कायना जीवनी रक्षा करावी आगलानु पाप टलावे तेमां शुं ? (२५) एज रीते कोइ वस्त्र प्रमुखथी जयणा करी वायुकायना जीवनी रक्षा करी, पोतार्नु पाप टाखतो होय तेने जलो जाणे तेमां शुं ? (२६) को वनस्पतीनो श्रारंन करतां केवलीनां वचन संन्नारी अचित वस्तुना संजोगथी, वनस्पतीली.. स्रोत्री तथा अजमो जी इत्यादिक जीवोनी रक्षा करी, पोतार्नु पाप टोले तेमां शुं ? () एज रीते अनेरो को माणस तथा तिर्यंच, लीलोत्री खातो होय तेने सुखमी, सेक्या चणा तथा सुकुं धास प्रमुख दर वनस्पतीकायना जीवनी रक्षा करावी आगलानु पाप टलावे तेमां शुं ? (श्न) एज रीते कोश् श्रचित वस्तु खाइने वनस्पतीना जीवोनी रक्षा करी, पोतार्नु पाप टालतो होय तेने नलो जाणे तेमां शुं ? (श्ए) को मांसनो धी मांस खावाने अर्थे, तथा वेपारने अर्थे त्रस-जीवनो सीकार करता, साधु श्रावक, तथा दयावंतनो उपदेश सांजली सुखमी प्रमुख