________________ व्रतपञ्चकम अभिग्रहा. श्रमणधर्म वैय्यावृत्त्यम साध्वाचार-सहायार परभतारठ परमात्मामे साधुनुवन सेवू अनुपम, सहभुत अने आश्चर्यडारी जाऽयुं छेडे, से साधुपाशानां तभाभ मायारो पो सुपेरे पाणवाभां सावे, तो तेभां तभाभ सहायारोनो समावेश थाय छे. यशसित्तरिमांसने उराशसित्तरिभां प्रभुजपाशे। तभाभ साध्वायारोनो समावेश थाय छे. कषापानग्रह सावा साध्वायारोनुं ढूंठभां पाया मेड घडराराभां वार्शन उपलब्ध थाय तेवा आ नूतन प्रऽशनी स्थना पू. गाशवर्यश्री से रेती छे. पूश्यश्रीनी मा नविनइति साराध मात्भायो 'भाटे नवतुं न राजनीने आवी छे. मचक्का कवाण गातनयम तमा पपर ग प्रक काशन इन्द्रियनिरोधा COVER DESIGN Multy Graphics (022) 38732221 3884222