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________________ श्री सम्यकद्वार. ८९ वितरागनीपूजाप्राठप्रकारे ज्ञानावर्णादिककर्मनेक्षयकर वाने काजे श्रावक एविभावनाकरे एमसत्तरनेदेसंजमच्या राघवानेऽर्थे सत्तरदिपूजा करे | तंजथा ॥ नवणं ॥ १ ॥ वि लेपणं ॥ २ ॥ चखुजुलंच ॥ ३ ॥ पूफारोह || || ४ || मालारोह णं॥५॥ वणयारोहणं॥६॥ चूंणारोहणं ॥ ७॥ जिणपूगवाएं पूरस्ताधजप्रगटनमित्याध्याहार्य ॥८॥ श्राहारणारोहणं ॥ ९॥ पूष्पगेहं ॥ १० ॥ पूष्फपगरो ॥ ११॥ श्रार्त्तिमंगलपइवो ॥ दिवो ॥ ३२ ॥ धुवरकेवानेवज्फलविहाणं॥ ढोवय॥१४॥ गीयं । १५|नटं।१६।वज।१७|पुयाभयाइमेसेनं । २३। प्रथमपू जानवणकज लेकरीनेानीषेककर वो |१ | विलवगमि के०।श्रंगनेविषेकेसरचंदने पूजा करे एबिजोनेद ॥२॥चखू जुत्र लंके ० । त्रिजीपूजाचक्षुनितथाश्रंग लूणा३ त्रिजाभेद | ३ | चोथोवासपूजा॥४॥ पूफारोह के ०॥ वर्णकहांके०॥ छूटां फुलनित्रारोहण के ० ॥ चढाववूंपूजवूं ॥५॥ मालारोह के फुलनीमालानीपूजा ॥६॥ वणियारोहण के ॥ वर्णके ० ॥ पंचवर्णच्यांगीनी पूजा ॥ ७॥ चूणा रोहांके || वरासादिकनि पूजा ॥ ८ ॥ जिणपूगवाएं। श्रीतीर्थंकर भगवंतनेत्रागल जनिपूजानवमि ॥ ९ ॥ प्रहारणीरोहणं के० ॥ श्राजर्णनीपू जामूगटप्रमुखनुंचडाववूं ॥ ३०॥ पूप्फगेहेके ०॥ फुलनुंघर ॥ ११ ॥ पूष्फ पगरोह के ० ॥ फुलनोप्रकार समूह जेम श्रीतीर्थंक रनासमोवसरणनेविषे॥ देवता पंचवर्णफुलनावर सातवर ર
SR No.022174
Book TitleAdhyatma Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukammuni, Hirachand Vajechand
PublisherHirachand Vajechand
Publication Year1880
Total Pages738
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size20 MB
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