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अपण पत्रिका
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श्राद्धगुण मुशामिन, स्वजातिहित चारक,
प्रेष्टिवयं खलमी म्बी अमी.
आप श्रीमान् गृहस्थ मानब जीजननी: महना शेमा के ? ए पास सपनो छो, अने के साथे पूर्व कुत खस्कमनी श्रेष्ताने सानंदपणे अनमो खो, ले उपरथी आपे निचय कयां छ के, माधर्मि बंधुओनी उन्नतिनुं संचामो चुं शिखर ज्ञान है, अने ए शान केटलोक समय थया गुरु निधानमा अन्न
श्रस्त यह पडेलं छे, तेने सृद्धि तथा अर्थम शोधाथी मुशोभित करी प्रगट करवं, एज खरेलरुं साधर्मि वात्सल्य छे. आवा उत्तम निचयधी आप प्राचीन ग्रंथरलोनो उद्धार करी छो, तेथी आपना जेषा उत्तेजक श्रावक रत्नने आ धर्म रत्न ग्रंथ
अर्पण करी अमे अमारा कर्तव्यने पूर्ण थयेल
सपजीए
छोए.
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अमिद सा.
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