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. ॐ ह्रीं अह नमः श्रीविजयनेमिसूरिग्रन्थमालारत्नम्-५४
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याकिनीमहत्तराधर्मस्नु, बहुश्रुत, परमपूज्य,
आचार्यश्रेष्ठ श्री हरिभद्रसूरीश्वर-विरचित श्रीप्रष्टक प्रकरण
हिन्दी भावानुवाद
मनुवादक मुनि मनोहर विलय
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प्रकाशक श्री ज्ञानोपासक समिति श्री विजयलावण्यसूरीश्वर-ज्ञानमंदिर, बोटाद
सौराष्ट्र (गुजरात)
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