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पू. आचार्य भगवन्तों का साथ में प्रवेश प्रवचन हुआ। एवं श्री पंच कल्याणक पूजा भी पढाई गई थी।
सेवाडी श्री संघ को श्री शान्तिनाथ भगवान के मन्दिर के विषय में मार्गदर्शन दिया गया । (२२) धणी :
श्री जैन संघ की ओर से जिनेन्द्र भक्तिस्वरूप श्री सिद्धचक्र महा पूजन श्री बृहद्अष्टोत्तरी-शांति स्नात्र युक्त श्री अष्टाह्निका महोत्सव प्रथम जेष्ठ सुद 8 शुक्रवार दिनांक २३-५-८० से द्वि. जेष्ठ वद १ शुक्रवार दि. ३०-५-८० तक मनाया गया। ___ इस महोत्सव में प्र. जेष्ठ सुद १५ गुरुवार दिनांक २६-५-८० को अष्टोत्तरीस्नात्र एवं जेष्ठ वद १ शुक्रवार दि. ३०-५-८० को शा. प्रकाशचन्द जसराजजी की ओर से श्री पार्श्वनाथ १०८ अभिषेक पूजन का कार्यक्रम शानदार अनुमोदनीय रहा।
प. पृ० आचार्य देव श्रीमद् विजय विकाशचन्द्रमरीश्वरजी म. सा. के चातुर्मास हेतु पाली-चाणोद आदि स्थलों की विनती होने पर भी उन्हें तथा प. पू. उपाध्याय श्री विनोद विजयबी गणिवर्य म. सा. को चाणोद चातुर्मास की स्वीकृति पूज्यपाद गुरु भगवन्त ने प्रदान की।