________________
श्री नेमि लावण्य- दक्ष की ग्रन्थमाला रत्न ५६ वां पूर्वाचार्य विविल
5 श्री कलेक संग्रह
[ हिन्दी सरलार्थ युक्त ]
'श्री कुलक संग्रह सरलार्थ' के कर्त्ताशासन सम्राट् स रिचक्र चक्रवत्तिं तपागच्छाधिपति महाप्रभावशाली - अखण्डब्रह्मतेजोमृति - परमपूज्य आचार्यमहाराजाधिराज श्रीमद् विजयने मिसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टालंकार- साहित्यसम्राट्-व्याकरणवाचस्पतिशास्त्रविशारद - कविरत्न- परमपूज्य आचार्यप्रवर श्रीमद विजयलावण्यसुरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर-धर्म
प्रभावक - कविदिवाकर - शास्त्रविशारद - व्याकरण रत्नपरमपूज्य आचार्यवर्य श्रीमद् विजयदक्ष सूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर- परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. ।
卐
प्रकाशकः :
आचार्य श्री सुशीलसूरि जैन ज्ञानमन्दिर शान्तिनगर - सिरोही, राजस्थान ( मारवाड़ ).