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॥श्रीजिनाय नमः॥
(गुर्जरनाषांतरोपेतः) ॥ श्रीलोकप्रकाशः जाग ३. ॥ __ (क्षेत्रलोकप्रकाशः परिछेद १.)
पल८
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(मूलकर्ता-नपाध्याय श्रीविनयविजयजी) नाषांतरकर्ता तथा छपावी प्रसिद्ध करनार, ___पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज.
(जामनगरवाला)
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वीरसंवत् २४४२. विक्रमसंवत १७५.
सने १७१६. जामनगरजैनभास्करोदय प्रिन्टिंग प्रेस.
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