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________________ भुत प्रन्थकर्ता, तर्कवेत्ता या व्याख्यानकार हुए हैं, वे सब छोटी वयमें ही दाक्षित हुए थे । वज्रस्वामी लघुवयमें ही दीक्षा ग्रहण की थी, अभयदेवसूरिको सोलह वर्षकी वयमें तो आचार्यपद दिया गया था, हेमचन्द्राचार्य नव वर्षके थे तव ही उनको दीक्षा दी गई थी, • इस ग्रन्थके कर्ताके पूर्वपुरुष सोमसुन्दरसूरि जब सात वर्षके थे तब ही उन्होने दीक्षा ग्रहण की थी और यशोविजयजी महाराजके सम्बन्धमें भी ऐसा ही सुना गया है । श्रीमान हेमचन्द्राचार्यके सम्बन्धमें इस रचनापर टीका करते हुए प्रो० पीटरसन लिखता है कि " देवचन्द्रने ऐसे छोटेसे बालक ( चंगदेवहेमचन्द्र )को अपना शिष्य बनाया यह किसीको नवीन प्रतीत होगा, परन्तु वास्तवमें इसमें कुछ भी नवीनता नहीं है। ऐसी प्रथा इस देशमें तथा अन्य देशोंमें सदासे चली आती है और चल रही है । बड़ी षयको प्राप्त करनेवाले पुरुषको ही साधु बनाया जा सकता है यद्यपि यह पद्धति उत्तम है, परन्तु अन्य सर्व धर्मोकी ओर दृष्टि दोड़ाई जाय तो इसीप्रकार नये आचार्योको पसन्द किया जाता है । जहां प्राचार्यको लग्नादिकका प्रतिबंध हो वहां अपने स्थानको ग्रहण करनेके लिये आचार्य बनाके लिये इस प्रकार किये बिना छुटकारा मिल ही नहीं सकता है।" प्रो० पीटरसन जैसे विद्वान् इस हकीकतको व्यवहाराष्टसे बतलाते हैं, परन्तु तदुपरान्त ऐसे अगत्यके विषयमे मनको एक ओरकी निर्णय पर लानेसे प्रथम धार्मिक तथा ऐतिहासिक दृष्टिसे साधुओंकी व्यवस्थापर और उस संस्थाकी आवश्यकताओंके विषयपर विशेष ध्यान देना चाहिये । अभ्यासकाल बाल्य अवस्थामें ही प्राप्तव्य है और आजकल जैसे B. A; M. A. ( बी. ए; एम. ए. ) होनेसे जैसे लगभग तेरह वर्षके इंग्लिश अभ्यासकी आवश्यकता है इसी प्रकार धाभिक ज्ञानमें भी एम. ए. ( M. A. ) होनेके लिये कई वर्षोकी आवश्यकता होनी चाहिये । ऐसा सहज ही समझमें आ सकता है। अतः संसार पर उपकार करनेके संयोग तो बाल्यवयमें दीक्षा लेनेवालेको ही प्राप्त होना सम्मत है। मुनिसुन्दरसूरि महाराजने कैसे कैसे चम. स्कार किये हैं उनको जब हम आगे पढ़ेगें तब इस सम्बन्धका ख्याल स्पष्टतया हमारी समझमें आजायगा । मुनिसुन्दरसूरि महाराजको दीक्षा देते समय किसके शिष्य
SR No.022086
Book TitleAdhyatma Kalpdrum
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManvijay Gani
PublisherVarddhaman Satya Niti Harshsuri Jain Granthmala
Publication Year1938
Total Pages780
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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