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सादर समर्पण
रैवताचलतीर्थोद्धारक जगत्पूज्य विशुद्धचारित्रचूडामणि प्रातःस्मरणीय सुविहितनामधेय पूज्यपाद आचार्य श्री विजयनीतिसूरीश्वरजी महाराज साहेब के करकमलों में इम पुस्तक को सादर समर्पण करता हुँ ।
ले० विनीत सुमित्रसिंह की वंदना
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