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________________ १२ गोडवाड़ का हित. कर दिन व दिन उत्तेजन देते रहेंगे तो उम्मेद है कि यह संस्था गोडवाड़ का अज्ञान को समूल नष्ट कर अपने दिव्य ज्ञान का प्रकाश डाल गोडवाड़ का जरूर उद्धार करेंगी. पर हमारे गोडवाड़ी भाइयों को इतना से ही संतोष कर नहीं बैठ जाना चाहिये जैसे. लडकों के लिये विद्यालय कि स्थापना कि है वैसे ही एक लडकियों के लिये भी महा विद्यालय कि अत्यावश्यक्ता है कारण जहाँतक भावि माताओं को शिक्षा न दि जाय वहाँतक उनका घर और भावि संतान का सुधार न होगा, अतएव कन्याशाला कि मी गोडवाड़ में सब से पहले जरूरत है। किमधिकम् । • () अच्छूतों कि गाडियों वगैरह कइ कइ ऐसी बाते है कि जिसका परित्याग करना बहुत जरूरी बातें है. श्रापका
SR No.022036
Book TitleSamavsaran Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Muni
PublisherRatnaprabhakar Gyanpushpmala
Publication Year1929
Total Pages46
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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