________________
गाथानुक्रमणिका
२३७
सुत्तभणिएण विहिणा सुहिएसु वि वहविरई सेविज्ज तओ साहू सेसा उ तिरियमणुया
३५० १५१. ३५४
२४८
सेसा संसारत्था सो दुविहो भोयणओ
तितोसोयणओ २८५ सोवक्कम मिह सज्झं २०६ हिमजणियं सीयंचिय . १४६
[ह] हिंसाइपायगाओ होइ दढं अणुराओ होइ बले वि य जीवं
७१