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णमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स श्री प्रेम-भुवनभानु-पद्म-जयघोषसूरिभ्यो नमः श्री भुवनभानुसूरि जन्मशताब्दी पर नया नजराना-७३
न्यायविशारद-न्यायाचार्य-लघुहरिभद्र-महोपाध्याय श्री यशोविजयगणिवर विरचित-ज्ञानसारान्तर्गतमग्नाष्टकस्य सानुवाद-सचित्र-प्रस्तुतिरूपा
मग्नोपनिषद्
हिन्दी-गुजराती अनुवाद: + चित्रनिर्देशनम् + सम्पादनम् प्राचीनश्रुतोद्धारक प. पू. आचार्यदेव श्रीमद्विजय हेमचन्द्रसूरीश्वर शिष्य
आचार्य विजय कल्यागबोधिसूरीश्वराः ।
प्रकाशक
श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट