SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अट्ठारस पयसहस्साणि पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा अणंता गमा अणंता पूजवा परित्ता तसा अणंता थावरा | सासयकडनिबद्धनिकाइआ जिणपण्णत्ता भावा आपविजंति०, से एवं आया से एवं नाया एवं विण्णाया एवं चरणकरणपरूवणा आषविज्जइ०, से तं आयारे १४६ से किं तं सूयगडे?, २ णं लोए सूइज्जइ अलोए सूइज्जइलोयालोए सूइज्जइ जीवा सूइज्जन्ति अजीवा सूइज्जन्ति जीवाजीवा सूइज्जति ससमए सूइज्जइ परसमए सूइज्जइ ससमयपरसमए सूइज्जइ, सूयगडे णं असीयस्स किरियावाइसयस्स चउरासीईए अकिरियावाईणं सत्तट्ठीए अण्णाणियवाईणं बत्तीसाए वेणइअवाईणं तिहं तेसहाणं पासंडिअ (वाउय) सयाणं वूहं किच्चा ससमए गविजइ, सूयगडे णं परित्ता वायणा संखिज्जा अणुओगदारा संखेज्जा वेढा संखेज्जा | सिलोगा संखिज्जाओ निग्जुत्तीओ संखिज्जाओ पडिवत्तीओ से णं अंगठ्ठयाए बिईए अंगे दो सुयक्खंधा तेवीसं अज्झयणा तित्तीस उद्देसणकाला तित्तीसं समुद्देसणकाला छत्तीसं पयसहस्साणि पयग्गेणं संखिज्जा अक्खरा अणंता गमा अणंता प्रज्जवा परित्ता तसा अणंता थावरा सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपन्नत्ता भावा आपविजंति० से एवं आया ? से एवं नाया से एवं विण्णाया एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ०, सेत्तं सूयगडे ४७ से किं तं ठाणे?, २ णं जीवा ठगविज्जति अजीवा ठाविजंति ससमए विज्जइ परसमए ठाविज्जइ ससमयपरसमए ठाविज्जइ लोए ठाविज्जइ अलोए ठाविज्जइ लोआलोए ठाविज्जइ, ठाणे णं टंका कूडा सेला सिहरिणो पब्भारा कुंडाई गुहाओ आगरा दहा नईओ आघविनंति०, ठाणे णं एगाइयाए एगुत्तरियाए | ॥ श्रीनन्दीसूत्रं ॥ पू. सागरजी म. संशोधित
SR No.021046
Book TitleAgam 44 Chulika 01 Nandi Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages44
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy