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सिप्पीया, संखा संखणगा तहा॥१॥ पल्लोयाऽणुल्लया चेव, तहेव य वराडगा। जलूगा जालगा चेव, चंदणा य तहेव य॥२॥ इति|| बेइंदिया एए, गह। एवमायओ। लोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ् वियाहिया॥३॥ संतई०॥४॥ वासाइं बारसेव 3, उक्कोसेण वियाहिया।बेइंदियआउठिई, अंतोमुत्तं जहन्नयी ॥संखिन्जकालमुक्कोसा, अंतोमुत्तं जहन्नयोबेइंदियकायठिई०॥६॥अणंतकाल बेइंदियजीवाणं, अंतरेयं वियाहिय॥७॥ एएसिं वनओ०॥८. तेइंदिया य जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया। पजत्तमपज्जत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे॥९॥ कुंथु पिवीलिउइंसा, उक्लुदेहिया तहा। तणहारा कठ्ठहारा य, मालुगा पत्तहारगा॥१५१०॥ कप्पासिऽद्विमिजा य, तिंदुगा उसभिजगा। सदावरी य गुम्भी य, बोद्धव्वा इंदगाइ य॥१॥ इंदगोवसमाईया, गहा एवमायओलोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया॥२॥ संतई पप्प०॥३॥ एगूणवत्रऽहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया। तेइंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्नयी४॥ संखिज्जकालमुक्कोसा० तेइंदियकायठिई०५॥ अणंतकालमुक्कोसं० तेइंदियजीवाणं०॥६॥ एएसिं वत्रओ०॥७॥ चरिदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया। पजत्तमपज्जत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥८॥ अंधिया पुत्तिया चेव, मच्छिया मसगा तहा। भमरे कीड पयंगे य, ढिंकणे कुंकणे तहा ॥९॥ कुक्कडे सिंगिरीडी य, नंदावते य विच्छिए। डोले भिंगिरिडिओ, विरिली अच्छिवेहए। | ॥१५२०॥ अच्छिरे माहले अच्छि (रोडए), विचित्ते चित्तपत्तए । ओहिंजलिया जलकारी य नीया तंबबगाइया ॥१॥इइ चरिदिया एए, णेगहा एवमायओ।लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे परिकित्तिया ॥२॥ संतई प५०॥३॥ छच्चेव य मासाऊ, उक्कोसेण वियाहिया ॥ श्रीउत्तराध्ययनसूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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