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वीसं अंगुला इंति॥७॥ मज्जा रभूसगाइ य नवि वारे नवि य जाणुघट्टणया। दो हत्था य अबाहा नियमा साहुस्स साहूओ॥८॥ भुत्ताभुत्तसमुत्था भंडणदोसा य वजिआ एवं। सीसंतेण व कुड्डं तु हत्थं मोत्तूण ठायंति॥९॥ पुव्वुद्दिवो 3 विही इहवि वसंताण होइ सो वो आसज तित्रि वारे निसत्र आउंटए सेसा ॥२३०॥आवस्सिअमासजं नीइ पमजंतु जाव उच्छन्त्री सागारिय तेणुब्भामए य संका तउ परेणं॥१॥ नत्थि ३ पमाणजुत्ता खुड्डलिया चेव वसति जयणाए। पुरहत्य पच्छ पाए पमज जयणाए निग्गमणं॥२॥ उस्सीस भायणाई मझे विसमे अहाकडा उवशिओवगहिओ दोरो तेण य वेहासि लंबणया॥३॥खुड्डलियाए असई विच्छिन्नाए 3 मालणा भूमी। बिलधम्मो चारभडा साहरणेगंतकडपोत्ती॥४॥ असई य चिलिमिलीए भए व पच्छन्न भूइए लक्खेआहारा | नीहारो निगमणपवेस वजेह ॥५॥ पिंडेण सुत्तकरणं आसज निसीहियं च न करिति। कासण न पमजणया न य हत्थो जयण वेरति॥ वसहित्तिोपत्ताण खेत्त जयणा काउणावस्सयंतत्तो ठवणा। पडणीयपत्त( सम्मत्त मामग भद्दग सद्धे य अचियत्ते॥७॥ बाहिरगामे वुच्छ। उजाणे वाणवसहिपडिलेहा। इहरा 3 गहिअभंड। वसही वा पाय उड्डाहो ॥१०४॥भा०। मइल कुचेले अब्भंगिएल्लए साण खुज वडभे या। एए 3 अप्पसत्था हवंति खित्ताउ निंताणं॥५॥ नारी पीवरगब्मा वड्डकुमारी य कट्ठभारो यो कासायवत्थ कुच्चंधरा य कजं न साहेति॥६॥ चक्षयरंमि भमाडो भुक्खामारो य पंडुरंगंमि। तच्चनि रुहिरपडणं बोडियमसिए धुवं मरणं॥७॥ जंबू चास मउरे भारदाए तहेव नउले यो दसणमेव पसत्थं पयाहिणे सव्वसंपत्ती॥८॥ नंदी तूरं पुण्णस्स दंसणं ॥श्री ओधनियुक्तिसूत्र।
पू. सागरजी म. संशोधित
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