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________________ Shri Mahavir Jain Arachana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsun Gyanmandir ता कहं ते तेरिच्छगती आहिताति वदेज्जा?, तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पं०, तत्थेगे एवमाहंसु-ता पुरच्छिमातो लोअंतातो| पादो मरीची आगासंसि उद्देति से णं इमं लोयं तिरियं करेइ त्ता पच्चस्थिमंसि लोगन्तंसि सायंमि सूरिए आगासंसि विद्धस्संति एगे एवभा०, एगे पुण०-ता पुरच्छिमातो लोअंतातो पातो सूरिए आगासंसि उठेइ से णं इमं लोयं तिरियं करेति त्ता पच्चत्थिमंसि लोयंसि सूरिए आगासंसि विद्धंसति, एगे एव०, एगे पुण०-ता पुरस्थिमाओ लोयंतातो पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठति से इम लोयं तिरियं करेति ता पच्चत्थिमंसि लोयंसि सायं सूरिए आगासं अणुपविसति त्ता अहे पडियागच्छति त्ता पुणरवि अवरभूपुरस्थिमातो लोयंतातो पातो सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठति एगे एवमा०, एगे पुण-ता पुरस्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए पुढवीओ उत्तिट्ठति, से णं इमं लोयं तिरियं करेति त्ता पच्चथिमिलंसि लोयंसि सायं सूरिए पुढवीकायंसि विद्धंसइ एगे एव०, एगे पुण०-पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढवीओ उत्तिट्ठइ से णं इमं लोयं तिरियं करेइ त्ता पच्चत्थिमंसि लोयंसि सायं सूरिए पुढवीकायं अणुपविसइ त्ता अहे पडियागच्छइ त्ता पुणरवि अवरभूपुरस्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए पुढवीओ उत्तिइ एगे एव०, एगे पुण०-ता पुरथिमिल्लाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिइ से णं इमं लोयं तिरियं करेइ त्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतसि सायं सूरिए आउकायंसि विद्धंसति एगे एव०, एगे पुण-ता पुरथिमातो लोगंतातो पाओ सूरिए आउओ उत्तिट्ठति, से णं इभ तिरिय लोयं तिरियं करेति त्ता पच्चस्थिमंसि लोयंतसि सायं सूरिए आउकायंसि पविसइ त्ता अहे पडियागच्छति त्ता पुणरवि अवरभूपुरस्थिमातो ॥ श्री सूर्यप्रजप्त्युपाङ्गम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021018
Book TitleAgam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages133
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_suryapragnapti
File Size13 MB
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