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पूर्णचन्द्रसागरजी म. सा. आ आगमिक सूत्र अंगे सं. २०५८ /५९/६० वर्ष दरम्यान संपादन कार्य माटे महेनत की प्रकाशन || दिने पू. सागरजी म. संस्थापित प्रकाशन कार्यवाहक जैनानंद पुस्तकालय, सुरत द्वारा प्रकाशित रेल छे...
॥ श्री सूर्यप्रज्ञप्युपाङ्गम् ॥
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पू.सागरजी म.संशोधित
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