SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 40
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir दसणारिया, सेत्तं दसणारिया, से किं तं चरित्तारिया?, २ दुविहा पं० ०-सरागचरित्तारिया य वीयरागचरित्तारिया य, से किं तं सरागचरित्तारिया?, २ दुविहा पं००-सुहमसंपरायसरागचरित्तारिया य बायरसंपराय० य, से किं तं सुहमसंपराय०?, २ दुविहा पं० ०-पढमसमयसुहम० य अपढमसमयसुहम०, अहवा चरिमसमयसुहम० य अचरिमसमय० य, अहवा सुहमसंपराय० दुविहा पं० ०-संकिलिस्समाण० य विसुज्झमाण य, सेत्तं सहमसंपराय०, से किं तंबादरसंपरायसरागचरित्तारिया?, २ विहा पं० तं०-पढमसमयबादरसंपराय० य् अपढमसमयबादर य, अहवा चरिमसमयबादर० य अचरिमसमयबादर० य, अहवा बादरसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पं० ०-पडिवाई यअपडिवाई य, सेत्तं बादरसंपरायसरागचरित्तारिया, सेत्तं सरागचरित्तारिया, से किं तं वीयरायचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० तं०-उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य खीणकसाय० य, से किं तं उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० २०-पढमसमयउवसंतकसाय० य अपढमसमय० य, अहवा चरिमसमय० य अचरिमसमय० य, सेत्तं उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया, से किं तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया?, २ दुविहा पं० २०छउमत्थ्खीणकसायवीयरायचरित्तारियाय केवलिखीण० य,से किं तं छउमत्थखीण?,२ दुविहा पं० २०-सयंबुद्धच्छउमत्थखीण० य बुद्धबोहियच्छउमत्थखीण० य, से किं तं मयंबुद्धच्छउमत्थ०?, २ दुविहा पं० २०-पढमसमयसयंबुद्धच्छउम्त्थ्० य अपढमसमयसयंबुद्धच्छउमत्थ० य, अहवा चरिमसमयसयंबुद्धच्छ उमत्थ० य अचरिमसमयसयंबुद्धच्छउमत्थ० य, सेत्तं ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित || For Private And Personal Use Only
SR No.021017
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages345
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy