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जे सीतं० ते थोवतरागा जे उसिणं०, तमाए य तमतमाए य सीयं० नो उसिणं० नो सीतोसिणं वे० वेदेति, असुरकुमाराणं पुच्छा, गो०! सीतंपि उसिणंपि सीतोसिणंपि, एवं जाव वेभाणिया, कतिविहा णं भंते! वेदणा पं०?, गो०! चविहा पं० २० दव्वतो खेत्ततो कालतो भावतो, नेरझ्या णं भंते! किं दव्वतो वेदणं जाव किं भावतो वेयणं वेएंति?, गो०! दव्वओवि जाव भावओवि वे० ३०, एवं जाव वेमाणिया कतिविहा णं भंते! वेदणा पं०?, गो०! तिविही पं० २०-सारीरा माणसा सारीरमाणसा, नेरइया णं भंते! किं सारीरं० माणसं० सारीरमाणसं वे० ०?, गो०! सारीरंपि माणसंपि सारीरमाणसपि वे० वे० एवं जाव वेमाणिया, नवरं एगिंदियविगलिंदिया सारीरं नो माणसं नो सारीरमाणसं वे० वे०, कइविहा णं भंते! वेयणा पं०? गो०! तिविह। वेयणा पं० २०-साता असाता सातासाता, नेइया णं भंते! किं सायं० असातं० सायासायं वे० ०?, गो०! तिविहंपि, एवं सव्वजीवा जाव वेमाणिया, कतिविह। णं भंते! वेदणा पं०?, गो०! तिविह। पं० २०- दुक्खा सुहा अदुक्खासुहा, नेरइया णं भंते! किं दुखं वेदणं पुच्छा, गो०! दुक्खंपि० सुहंपि अदुक्खमसुहंपि वे० वे०, एवं जाव वेभाणिया ३३०। कतिविह। णं भंते! वेदणा |५०?, गो०! दुविहा पं० २०- अब्भोवगमिया य उवक्कमिया य, नेरइया णं भंते! अब्भोवगमियं वेदणं० उवक्कमियं वेदणं वे०?, गो०! नो अब्भोगमियं उवक्कमियं वे० ३०, एव जाव चरिदिया, पंचिंदियतिरक्खजोणिया मणूसा य दुविहंपि ३० वे०, वाणमंतरजोतिसियवेमाणिया जहा नेरइया।३३१। कतिविहा णं भंते! वेदणा पं०?, गो०! दुविहा वेदणा पं० २०-निदाय अणिदाय, ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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