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| ॥३६॥ जे यावत्रे तहप्पगारा, सेत्तं पव्वगा, से किं तं तणा?, २ अणेगविहा पं० २० - संडिय मंतिय होत्तिय दब्म कुसे पव्वए य पोडइला। अजुण असाढए रोहियंसे सुयवे य खीर भुसे ॥३७॥ एरंडे कुरुविंदे करजर सुंठे तहा विभंगू यो महुरतण छुरय सिप्पिय बोद्धव्वे सुंकलितणे य ॥३८॥ जे यावने तहप्पगारा, सेत्तं तणा, से किं तं वलया ?, २ अणेगविहा पं० २० - ताल तमाले तक्कलि तेयली साली य सारकत्ताले। सरले जावति केतइ कदली तह धमक्खे य ॥३९॥ मु( भु) यरुक्ख हिंगुरुक्खे लवंगुरुक्खे य होइ बोद्धव्येपूयफली खजूरी बोद्धव्वा णालिएरीय ॥४०॥जे यावने तहप्पगारा, सेत्तं वलया, से किं तं हरिया?, २ अणेगविहा पं० २० - अज्जोरुह वोडाणे हरितग तह तंदुलजगतणे यो वत्थल पोरग मज्जारयाइ बिल्ली य पालक्का ॥४१॥ दगपिप्पली य दव्वी सोत्तिय साए तहेव मंडुक्की। मूलग सरिसव अंबिल साएय जियंतए चेव ॥४२॥ तुलसे कण्ह उराले फणिजए अज्जए य भूयणए। वारग दमणग म(ख) रुयग सतपुष्फींदीवरे य तह। ॥४३॥ जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं हरिया, से किं तं ओसहीओ?,२ अणेगविहाओ पं०० साली वीही गोहूमजवजवजवाकलमसूरतिलमुग्गमासणिण्फावकुलत्थआलिसंदसतीणपलिमंथा अयसीकुसुंभकोद्दवकंगूरालगमासकोदंसा सणसरिसवमूणि(ल) गबीया जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं ओसहीओ, से किं तं जलरुहा?, २ अणेगविहा पं० २०-उदए अवए पणए सेवाले कलंबुया हढे कसेरुया कच्छभाणी उप्पले पउमे कुमुदेणलिणे सुभए सुगंधिए पोण्डरीए महापुंडरीयए सयपत्ते सहस्सपत्ते कल्हारे कोकणदे अरविंदे तामरसे भिसे पोस्खले पोक्खलस्थिभूए जे यावत्रे तहप्पगारा, ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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