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पुढवीकाइयाणं भंते! कइ लेसाओ पं०?, गो०! एवं चेव, आउवणस्सइकाइयाणवि एवं चेव, तेउवाउबेइंदियतेइंदियचरिदियाणं|| जहा नेरइयाणं, पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं छलेस्सा, संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा नेरझ्याणं, गब्भवतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो०! छल्लेसा, तिरिक्खजोणिणीणं छल्लेसा एयाओ चेव, मणूसाणं छल्लेसा एयाओ चेव, संभुच्छिभमणुस्साणं जहा नेरइयाणं, गब्भवतियमणुस्साणं छल्लेसाओ, मणुस्सीणं एवं चेव, देवाणं छ एयाओ चेव, देवीणं पुच्छा, गो०! चत्तारि कह जाव तेउलेस्सा, भवणवासीणं भंते! देवाणं एवं चेव, एवं भवणवासिणीणवि, वाणमंतरदेवाणं एवं चेव, वाणमंतरीणवि, जोइसियाण पुच्छा, गो०! एगा तेउलेसा, एवे जोइसिणीणवि. वेमाणियाणं पुच्छा, गो०! तिन्नि तं०-४३० पम्ह० सुक्कलेस्सा, वेमाणिणीणं पुच्छा, गो०! एगा तेउलेस्सा २१५। एतेसिंणं भंते! जीवाणं सलेस्साणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेस्साणं अलेस्साण य क्यरे०?, गो०! सव्वत्थोवा जीवा सुक्कलेस्सा पम्ह० संखे० तेउ० संखे० अलेस्सा अणंत० काउ० अणंत० नील० विस० कण्ह० विसे० सलेस्सा विसेसाहिया २१६। एएसिंणं भंते! नेरइयाणं कण्ह० नील० काउलेस्साण य कयरे०?, गो०! सव्वथोवा नेरइया कण्हलेसा नीललेसा असं० काउ० असंखेजागुणा २१७॥ एतेसिं णं भंते! तिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे०?, गो०! सव्वथोवा तिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा एवं जहा ओहिया नवरं अलेसवजा, एएसिं एगिदियाणं कण्ह० नील० काउ० तेउलेस्साण य कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा एगिदिया तेउलेस्सा काउ० अणं० नील० विसेसा० कण्हलेसा ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥]
पू. सागरजी म. संशोधित
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