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| माइमिच्छादिट्ठीउववन्नगा य अमाइसम्मादिट्ठीउववन्नगा य भाणियव्वा, सेसं तहेव जहा ओहियाणं, असुरकुमारा जाव वाणमंतरा एते जहा ओहिया नवरं मणुस्साणं किरियाहिं विसेसो जाव तत्थ णं जे ते सम्मादिट्ठी तं तिविहा पं० नं० - संजया असंजया संजया संजया य, जहा ओहियाणं, जोइसियवेमाणिया आइल्लियासु तिसु लेसासु ण पुच्छिज्जंति, एवं जहा किण्हलेसा विचारिया तहा नीललेस्सा विचारियव्वा, काउलेसा नेरइएहिंतो आरम्भं जाव वाणमंतरा नवरं काउलेस्सा नेरइया वेदणाए जहा ओहिया, तेउलेसाणं भंते! असुरकुमाराणं ताओ चेव पुच्छाओ, गो० ! जहेव ओहिया तहेव नवरं वेयणाए जहा जोइसिया, पुढवी आउवणस्सइपंचेंदियतिरिक्खमणुस्सा जहा ओहिया तहेव भाणियव्वा नवरं मणूसा किरियाहिं जे संजता ते पमत्ता य अपमत्ता य भाणियव्वा सरागवीयरागा नत्थि, वाणमंतरा तेउलेसाए जहा असुरकुमारा, एवं जोइसियवेमाणियावि सेसं तं चेव, एवं पम्हले सावि भाणिया नवरं जेसि अत्थि, सुक्कलेस्सावि तहेव जेसिं अत्थि, सव्वं तहेव जहा ओहियाणं गमओ नवरं पम्हलेस्ससुक्कलेस्साओ पंचेदिंयतिरिक्खजोणियमणूसवेमाणियाणं चेव, न सेसाणंति (२१३ ॥ १७॥ लेस्साए ३०१ ॥
कइ णं भंते! लेसाओ पं०?, गो० ! छल्लेसाओ पं० तं०- कण्हलेसा नील० काउ० तेउ० पम्ह० सुक्कलेसा । २१४ । नेरइयाणं भंते! कइ लेसाओ पं० ? गो० ! तिन्नि तं० किण्ह० नील० काउलेसा, तिरिक्खजोणियाणं भंते! कइ लेस्साओ पं०?, गो० ! छल्लेसाओ पं० नं० - कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा, एगिंदियाणं भंते! कइ लेसाओ पं०?, गो० ! चत्तारि लेसाओ पं० तं०- कण्ह० जाव तेउलेसा, ॥ श्री प्रज्ञापनोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित
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